Add To collaction

लेखनी प्रतियोगिता -09-Mar-2022

कुछ  शब्द  सुनकर  और   कुछ  शब्द  पढ़कर 
ये  जो   हम    मध्यम―मध्यम    मुस्कुराते   है।
जनाब  ऐसी  पोएट्री मुझमे  जान फूंक  देती है।
जिसे पढ़, सुनकर हम  भी  कुछ लिख पाते है।
फिर  कुछ   शब्द   भी   मुस्कुराते  है ...............
◆●◆
हास्य , कविता, शे'र  और  कुछ  गज़ल  पढ़कर 
ये   जो    हम    मध्यम―मध्यम    मुस्कुराते   है।
जब-जब ऐसा  पोएट्री  पढ़ता  हूं तो क्या बताये
मेरी  कलम  और मेरे जज़्बात पन्नो में उतराते है।
फिर  कुछ   शब्द   भी   मुस्कुराते  है ...............
◆●◆
अच्छा   लिखा  आपने   बेहद  उम्दा  उत्कृष्ट  था
क़ातिब / अदीबा  सिर्फ  ऐसी समीक्षा  चाहते है।
आलोचना और  प्रसंस्कृत करने  वाले इस्बात है।
कुछ गलती से अवगत कराते कुछ छूपा जाते है।
फिर  कुछ   शब्द   भी   मुस्कुराते  है ...............
◆●◆
आरंभ  कहाँ  से करे  लिखना हम  भी चाहते है।
उन्हें  कविता  से हर  बार  एक बात समझाते हैं।
लिखने  से  पहले  आपको  बनना  होगा पाठक
क्योंकि पाठक बनकर शब्दकोष  बढ़ते जाते है।
फिर  कुछ   शब्द   भी   मुस्कुराते  है ...............
◆●◆
पढ़ने लिखने के उपरांत मिलता है जो भी वक्त हमे
साहित्य क्षेत्र में  कुछ  समय अपना  हम बिताते हैं।
नए नए रचनाकारों  की  शब्दो की स्वर्ण माला को
उरमन से  बसाकर , हम  भी नई कविता बनाते है।
फिर  कुछ   शब्द   भी   मुस्कुराते  है ...............
◆●◆
अथाह  मन  के  भीतर  उमड़ रहे  उन  शब्दों को
अपनी कलम से उकेरते गढ़ते  कविता बनाते हैं।
आज तुम ना रोको अपने भावों को बह जाने दो
देखना उन कविताओं को लोग कैसे गुनगुनाते है।
फिर  कुछ   शब्द   भी   मुस्कुराते  है ...............
◆●◆
लिखना तो और भी  बहुत कुछ  चाहते  थे हम पर 
वक्त की कमी के चलते शब्दो को विराम लगाते है।
जल-तरंग ध्वनि  कलकल , मधुरम गीत सुनाते है।
आप सबकी कविताओं को पढ़ कर  मन हर्षाते है।
फिर  कुछ   शब्द   भी   मुस्कुराते  है ...............
◆●◆

©® प्रेमयाद कुमार नवीन / जिला - महासमुन्द (छःग)

   10
6 Comments

Abhinav ji

11-Mar-2022 08:50 AM

Nice

Reply

Seema Priyadarshini sahay

10-Mar-2022 04:46 PM

बहुत खूबसूरत

Reply

Lotus🙂

10-Mar-2022 11:04 AM

बहुत खूब

Reply